हम किसी तीसरे व्यक्ति के लिए घर नहीं ढूँढ सकते—ये हैं वजहें
- पसंद का बेमेल केवल वास्तविक किरायेदार जानता है कि उसे क्या चाहिए (लेआउट, commute, रोशनी, पालतू, माहौल)। बिचौलिया=समय बर्बाद, ऑफ़र रिजेक्ट।
- कागज़ी बाधाएँ मालिक/एजेंट असली किरायेदार की ID, आय प्रमाण और सिग्नेचर माँगते हैं; तीसरे के ज़रिए सब धीमा पड़ता है।
- संचार में देरी NL की लिस्टिंग कुछ घंटे में बंद; अतिरिक्त रिले (आप→हम→किरायेदार→हम→एजेंट) से स्लॉट छूटता है।
- क़ानूनी व गोपनीयता सीमा GDPR/KYC, जिसने T&C नहीं मानी उसका डेटा स्टोर नहीं कर सकते।
- मालिक का भरोसा वे असली रहने वाले से मिलना/वीडियो कॉल करना चाहते हैं; प्रतिनिधि भरोसा कम करता है।
सर्वश्रेष्ठ तरीका: जिसे लीज़ साइन करनी है, वह खुद Relocify अकाउंट बनाए और सीधे निर्णय ले—प्रक्रिया तेज़, compliant और सफल।